जै जयंति जै आदि सकति जै कालि कपर्दिनी ... ।
जै मधुकैटभ - छलनि देवि जै महिषविमर्दिनि ... ।
जै चमुंड जै चंड मुंड भंडासूर खंडिनि ... ।
जै सुरक्त जै रक्तबीज बिड्डाल - विहंडिनि ... ।
जै जै निसुंभ सुंभद्दलनि भनि भूषन जै जै भननि ... ।
सरजा समत्थ सिवराज कहॅं देहि बिजय जै जग-जननि ... ।
... कवीराज भूषण.
भाषांतर :
हे आदिशक्ति ! हे कालिके ! हे कपर्दिनि (गौरी) ! हे मधुकैटभ महिषासूरमर्दिनि देवी ! हे चामुंड देवी ! हे भंडासूर्खंडिनी ! हे बिडाल विध्वंसिनी ! हे शुंभ-निशुंभ - निर्दालिनी देवी ! तुझा जयजयकार असो ! भूषण म्हणतो हे जगज्जननी ! सिंहासमान शूर अशा शिवरायास विजय देत जा.
No comments:
Post a Comment